Monday, October 25, 2010


       "मैं कैसे भूलूँ तुम्हे कि तुम तो मेरा आईना हो,
       अपने चेहरे की झुर्रिया मैं पड़ता तुम में,
       अपनी सूरत को भी देखा करता तुम में,
     मैं कैसे भूलूँ तुम्हे कि तुम तो मेरा आईना हो|"








1 comment:

get in