Thursday, February 10, 2011

ਮੈਂ ਕੀ ਹਾਂ !! ( What I am !!)

ਅੱਜ ਤੱਕ ਕੈਦ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
ਭਾਵਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਪੰਨਿਆਂ ਵਿਚ, 
ਪਰ ਅੱਜ ਜੱਦ ਘੁੱਟਣ ਮਹਿਸੂਸ ਹੋਈ 
ਤਾਂ ਪਤਾ ਲੱਗਿਆ,
ਕਿਸੇ ਨੇ ਮੈਨੂੰ 
ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿਚ ਹੀ 
ਕੈਦ ਕਰ ਸੁੱਟਿਆ ||        
Till This Day, I was proud to describe & express my emotions in pages & Volumes. But today, i feel it to be very useless exercise as she took only few words to describe me.

Sunday, January 09, 2011

इक चेहरा

इक शिकिन थी माथे पे,थोड़ी सी घबराहट भी,
इक चेहरे को देखा था, वो तो अपनों जैसा था || 

मेरे दिल ने चाहा भी,उससे मैं कुछ बात करू,
लेकिन वो अजनबी था चाहे अपनों जैसा था || 

इक बच्चा सा भोलापन,किसी अच्छे सी अच्छाई,
वो तो जैसे खवाब था, सारा आलम उसका था || 

उसके चेहरे पे कितना नूर था, मैं कैसे कहूं,
वो तो जैसे पुंज था, सारा उजाला उसका था ||

इक सौंधी- सी खुशबु थी,उसकी बातों में भरी,
उसको क्या मालूम मग़र मैंने उसको सोचा था || 

ढल गया हैं गीत में वो, बस गया हैं शब्दों में,
कागज़ पे तस्वीर उतारी, जैसा जैसा देखा था ||                

Saturday, January 08, 2011

जिंदगी

धुँएं की तरह उड़ जाते हैं लोग
छोड़ कर अपने चाहने वालो को,

रह जाती हैं कुछ यादें बाकी
तन्हाई में दिल बहलाने को,

हर अदा याद आती है नज़ाकत की 
 जो थी  काफी दिल तडपाने को,

यह जिंदगी है यारों, यूँ  ही
मुक्तसर  सी गुज़र जाने को |