Saturday, January 08, 2011

जिंदगी

धुँएं की तरह उड़ जाते हैं लोग
छोड़ कर अपने चाहने वालो को,

रह जाती हैं कुछ यादें बाकी
तन्हाई में दिल बहलाने को,

हर अदा याद आती है नज़ाकत की 
 जो थी  काफी दिल तडपाने को,

यह जिंदगी है यारों, यूँ  ही
मुक्तसर  सी गुज़र जाने को | 

1 comment:

  1. ये जिंदगी है यारो यूं ही
    मुख़्तसर सी गुज़र जाने को ....

    यादों के सूने आँगन से उठती हुई
    यादों के खूबसूरत पल ...
    अच्छी रचना . .. !!

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