धुँएं की तरह उड़ जाते हैं लोग
छोड़ कर अपने चाहने वालो को,
रह जाती हैं कुछ यादें बाकी
तन्हाई में दिल बहलाने को,
हर अदा याद आती है नज़ाकत की
जो थी काफी दिल तडपाने को,
यह जिंदगी है यारों, यूँ ही
मुक्तसर सी गुज़र जाने को |
छोड़ कर अपने चाहने वालो को,
रह जाती हैं कुछ यादें बाकी
तन्हाई में दिल बहलाने को,
हर अदा याद आती है नज़ाकत की
जो थी काफी दिल तडपाने को,
यह जिंदगी है यारों, यूँ ही
मुक्तसर सी गुज़र जाने को |
ये जिंदगी है यारो यूं ही
ReplyDeleteमुख़्तसर सी गुज़र जाने को ....
यादों के सूने आँगन से उठती हुई
यादों के खूबसूरत पल ...
अच्छी रचना . .. !!