Sunday, January 09, 2011

इक चेहरा

इक शिकिन थी माथे पे,थोड़ी सी घबराहट भी,
इक चेहरे को देखा था, वो तो अपनों जैसा था || 

मेरे दिल ने चाहा भी,उससे मैं कुछ बात करू,
लेकिन वो अजनबी था चाहे अपनों जैसा था || 

इक बच्चा सा भोलापन,किसी अच्छे सी अच्छाई,
वो तो जैसे खवाब था, सारा आलम उसका था || 

उसके चेहरे पे कितना नूर था, मैं कैसे कहूं,
वो तो जैसे पुंज था, सारा उजाला उसका था ||

इक सौंधी- सी खुशबु थी,उसकी बातों में भरी,
उसको क्या मालूम मग़र मैंने उसको सोचा था || 

ढल गया हैं गीत में वो, बस गया हैं शब्दों में,
कागज़ पे तस्वीर उतारी, जैसा जैसा देखा था ||                

1 comment:

  1. ढल गया हैं गीत में वो, बस गया हैं शब्दों में,
    कागज़ पे तस्वीर उतारी, जैसा जैसा देखा था||

    mn mei uth`teeN
    pyaar ki umangoN ki
    ek dm steek tsveer utaari aapne
    w a a h !!

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